Wednesday, March 22, 2017

हिन्दुत्त्व का बिगुल बजाने वाला शेर : योगी आदित्यनाथ कौन हैं ? जानिए विस्तार पूर्वक

 

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परिचय

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद है.. लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांचवी बार जीत दर्ज की योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26 साल  की उम्र से ही सांसद हैं पांचवी बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई । इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं कि -
 "गोरखपुर में रहना है तो योगी- योगी कहना है"

 '1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी :

योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह बिष्ट, वह मूल रूप से ठाकुर परिवार मे जन्मे और  उत्तराखंड के रहने वाले हैं, साधारण से गरीब परिवार में जन्मे अजय बिष्ट उर्फ़ योगी आदित्यनाथ ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की ।  ऐसा माना जाता है की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद योगी आदित्य नाथ के ह्रदय में वैराग्य उत्पन्न हो गया और समाज तथा देश के लिए कुछ करने की इच्छा जागृत हो गई | 

अजय बिष्ट से योगी आदित्यनाथ

गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था, अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया|
यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई, 1998 में गोरखपुर से12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कमउम्र के सांसद थे ।

हिंदू युवा वाहिनी का गठन:

राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली ।
उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया, और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी |
कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए,योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई | 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया.गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए ।

अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि, जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती|वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता है । यही नहीं,होली और दीपावली जैसे
त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं |इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं

उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी :

आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए और उनके प्राचीन नामों को वापस लौटाया, इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया, अलीनगर अब आर्यनगर हो गया, मियां बाजार माया बाजार हो गया | इतना ही नहीं, योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते थे|
 इसके  पीछे आदित्यनाथ का तर्क था कि, देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं,आर्य से है अली से नहीं ।

गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है,
बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है,इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार
के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था

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