Thursday, September 14, 2017

चर्चित मुद्दा : देश की जनता के साथ खिलवाड़ करते नीम हकीम और इनका घिनौना धंधा

 

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रेलवे से जा रहा हूँ....
रेलवे लाईन के किनारे युप्पी के गाँवों की दीवारों पर सफेद पेंट से बहुत बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है... शीघ्रपतन धातु रोग नामर्दी निल शुक्राणु का शर्तिया इलाज ।
बच्चे साथ बैठे हैं, डरता हूँ पूछ ना बैठें ये निल शुक्राणु क्या होता है?

रोज लाखों लोग इन दीवारों को देखते हैं, ये अश्लील अंट शंट बकवास लिखी दीवारें कानून और सभ्य समाज का खुला मजाक उड़ा रही हैं।
इन दीवारों पर जिन सो काल्ड डॉक्टरों का पता लिखा है वे सभी उस जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर CMO की अनुमति के बिना नीम हकीमी कर रहे हैं।
ये झोला छाप दुकानें हैं जिनके लिए कठोर कानून हैं पर जिस जिले में ये चल रही हैं उनके स्वास्थ्य अधिकारी सस्पेंड नहीं हो रहे दवा दुकानों की तरह इनका हफ्ता बंधा हुआ है

इनकी काली कमाई का अनुमान लगाइये ये हर सप्ताह अलग अलग जिलों के CMO और अपने आकाओं नेताओं को जमकर पैसा दे रहे हैं और दिल्ली गाजियाबाद से लेकर कोलकाता तक हजारों जगह दीवार पर लिखवाने प्रचार की क्षमता भी रखते हैं।
ये आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर वियाग्रा पीसकर जड़ी बूटी में मिला रहे है
गाय काटने वालों से बढ़कर ये क्रिमिनल हैं, ये तो सीधे सीधे आदमी काट रहे हैं...!!?

सबसे बढ़कर बात
हाश्मी दवाखाना
शफा दवाखाना
जैदी दवाखाना
जॉन एम ईशा क्लीनिक
जैसे नाम वाले ये क्लीनिक या तो मिएँ चला रहे हैं या ईसाई

इन दवाखानों की आड़ में ऊपरी हवा उतारने के नाम पर भोली भाली हिन्दू औरतों का यौन शोषण हो रहा है नामर्द पति से छुटकारा दिलाने के नाम पर वेश्यावृति और ब्लैकमेलिंग हो रही है जाल में फंसा कर लाने के लिए एजेंट महिलाओं की यानि कुटनियों की भर्ती हो रही है..!
मानव तस्करी और नशे की दवाइयों का नेटवर्क फल फूल रहा है

मोदी जी और योगी जी तो साधु ठहरे, उनको ऐसी समस्या के बारे में 1चिट्ठी लिखना भी ठीक नहीं लगता पर आवाज तो उठानी पड़ेगी।

कोई हल तो निकले इस समस्या का बूचड़खानों की तरह इनपर भी त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है

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