बेंगलुरु/नई दिल्ली | कर्नाटक की राजधानी मेट्रो सिटी बेंगलुरु के व्यस्त इलाके राज राजेश्वरी नगर में
पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात्रि को उनके निवास के ही सामने अंधाधुंध गोली मार कर हत्या किये जाने के बाद देश की राजनीति में नया तूफ़ान आ खड़ा हुआ है। 55 वर्षीया गौरी लंकेश एक बेबाक पत्रकार थी जो अपने वामपंथी नजरिए और हिंदुत्व विरोधी राजनीति पर वैचारिक मंथन के लिए जानी जाती थीं। गौरी अपनी कार से जैसे ही घर वापस लौटीं, गेट खोल रही थीं, तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं जिससे उनकी वहीं मौत हो गयी।
केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले में कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट तलब की है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गयी है। हालांकि कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकार है और सिद्धरमैया वहां के मुख्यमंत्री हैं। जब कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का प्राथमिक विषय है तो फिर इसमें केंद्र सरकार क्या करेगी ?विदित है कि इंटेलिजेंस ने गौरी लंकेश की हत्या की आशंका पहले ही व्यक्त की थी, और इसके बाद भी उन्हें गोली मार दी जाती है तो इस पूरी घटना की सबसे बड़ी जिम्मेदारी राज्य की कांग्रेस नीत सरकार की बनती है। इस घटना के बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सामाजिक व जनमुद्दों के लिए मुखर समस्त हस्तियों को विशेष सुरक्षा प्रदान कर दी है।

मुद्दे की बात ये है कि कोई भी मामला हो और किसी की भी सरकार हो, कांग्रेस केंद्र सरकार को कोसने में कभी भी पीछे नहीं रहती। चूँकि कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकार है, अतःअब देखना यह है की कहीं कांग्रेस का राजनीतिक दांव उन पर उल्टा न पड़ जाए, राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को राज्य की विपक्षी पार्टियों के तीखे सवालों के जवाब देने का होमवर्क प्रारम्भ कर देना चाहिए। वहीँ कांग्रेस नीत राज्य सरकार को भी तुरंत इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश करनी चाहिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
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