Thursday, September 21, 2017

नवरात्र 2017 : कैसे करें माँ को प्रसन्न, जानिए वैदिक पूजा पाठ व शुभ मुहूर्त का सही समय

 

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शारदीय नवरात्रि 2017
हिंदी पंचांग के अनुसार इस वर्ष के शारदीय नवरात्रि 21 सितम्बर से प्रारम्भ हो रहे है। जैसा कि ज्ञात है इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नव रूपों की पूजा की जाती है, अतः इन नौ पवित्र दिनों की रात्रियों का समय नवरात्र कहलाता है। माँ दुर्गा नवरात्रि में नौ दिनों तक अपने उपासकों पर ममतामयी कृपा बरसाती हैं। और सभी प्रकार के अमंगल से भक्तों की रक्षा करती है।  

शारदीय नवरात्रि 2017 का घाट स्थापना का शुभ मुहूर्त-
21 सितंबर को प्रतिपदा है अतः माँ दुर्गा के प्रथम रूप "शैलपुत्री" की पूजा होगी और नवरात्र का प्रारम्भ हो जायेगा। 21 सितंबर को प्रातः 6:00 बजे से 8:20 बजे तक का समय अमृत योग बन रहा है। यदि इस समय काल में आप घर में घट स्थापना कर सकते है तो सर्वश्रेष्ठ फल मिलेगा, क्योंकि अमृत योग को ज्योतिष काल गणना के अनुसार सबसे अच्छा माना गया है। 

घट स्थापना कैसे करें ?
घट स्थापना हेतु सर्वप्रथम जौ को फर्श पर डालें, उसके बाद उस जौ पर मिट्टी का कलश स्थापित करें। तत्पश्चात उस कलश पर स्वास्तिक बनाएं, और कलश पर मौली बांधकर उसमें जल भरें। कलश में अक्षत, पूजा सुपारी, पुष्प, पंच मेवा और मुद्रा डालें।

अखंड दीप क्यों व कैसे जलाएं ? 
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की अवधि में अखंड दीप जलाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जिस घर में अखंड दीप जलता है वहां माता दुर्गा की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। अखंड दीप जलाने वाले साधक को नौ दिन तक जमीन पर ही बिस्तर लगाकर सोना चाहिए । किसी भी परिस्थिति में अखंडदीप बुझना नहीं चाहिए और नौ दिन तक साफ़ सफाई और पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

किस दिन करें माँ के किस रूप की पूजा ?
चूंकि शारदीय नवरात्र‌ि इस साल थोड़ा जल्दी अर्थात 21 सितंबर से शुरू हो रहा है, अतः सर्दियाँ भी प्रारम्भ नहीं हुई है। माँ दुर्गा नवरात्र के नौ दिनों अलग अलग रूपं में प्रकट होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इसीलिए नवरात्र के नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
21 सितंबर को प्रथम नवरात्रि प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजा होगी। 
22 सितंबर को नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी।  
23 सितंबर को नवरात्रि का तीसरा दिन है।  और इस दिन माता चन्द्रघंटा की पूजा होगी। 
24 सितंबर को नवरात्रि का चौथा दिन  है और इस दिन माता कुष्मांडाँ की पूजा होगी। 
25 सितंबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है और इस दिन माता स्कंदमाता की पूजा होगी।
26 सितंबर को नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन माता कात्यायनी की पूजा होगी। 
27 सितंबर को सपत्मी मतलब नवरात्रि का सातवा दिन  है।  इस सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा होगी। 
28 सितंबर को अष्ठमी अर्थात नवरात्रि का अठवा दिन है। इस आठवें दिन माता महागौरी की पूजा होगी। 
29 सितंबर को नवमी अर्थात नवरात्रि का नौवा दिन  है।  इस नौवें दिन माता सिद्धिदात्रि की पूजा होगी। 

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