आजकल देश में एक बहस छिड़ी हुई है की रोहिंग्या मुसलमान भारत में शरणार्थी बनकर रहें, या इन्हें डिपोर्ट कर दिया जाए ? अब सवाल ये उठता है की रोहिंग्या मुसलमानों को अपना देश म्यांमार क्यों छोड़ना पड़ा ? आखिर ऐसा क्या हुआ कि अपना देश छोड़कर भारत के सामने रहम और शरण की उम्मीद लगाए बैठे है ये रोहिंग्या मुसलमान ? तो आइये जानते है कि ये रोहिंग्या मुसलमान कौन है ? कहाँ से आये है ? और भारत के पीछे क्यों पड़े है शरण पाने के लिए ?
रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के अल्पसंख्यक है जो १९८२ से वहां की आम जनता के साथ विद्रोह पर उतारू है , ये रोहिंग्या मुसलमान वहां के आम जनता को आये दिन परेशान करते थे,अतः वहां की सरकार ने इनको मारकर भगा दिया। इन लोगों की म्यांमार सरकार से ये भी मांग थी की उनको नया मुस्लिम देश बनाकर दिया जाए , अतः वहां की सरकार ने इन्हें देश से बाहर का रास्ता बता दिया। सूत्रों से पता चला था कि रोहिंग्या मुसलमान बेहद गरीब है अतः आतंकवादी संगठनों के संपर्क में है और देश में आये दिन आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते है।
भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों ने हाल के दिनों में कईं उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम दिया है, जैसे की नॉएडा की अपार्टमेंट में रोहिंग्या नौकरानी वाली घटना हो या फरीदाबाद की हल ही की घटना। अब ऐसे रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण दे दी गई तो ये लोग क्या करेंगे ये समझना बहुत ही आसान है, शायद इसीलिए केंद्र सरकार इनको डिपोर्ट करने के समर्थन में है।
No comments:
Write comments