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गौ- हत्या करने पर मृत्युदंड अथवा देश से निकाले की व्यवस्था. |
न्याय व्यवस्था :
तथा गौहत्या या गौहानी करने पर देश निकाला या प्राण दंड देने का कठोर प्रावधान था |
वैदिक संस्कृति :
वैदिक काल में भारत में रहने वाले आर्य थे तथा वे सांस्कृतिक रूप से बहुत ही समृद्ध थे,
वैदिक भारत में आर्यों का प्रिय पशु घोड़ा एवं सर्वाधिक प्रिय देवता इंद्र थे.
वैदिक काल और विज्ञान:
आर्यों ने लोह धातु की खौज की थी जिसे वे श्याम अयस कहा जाता था, तथा ताम्र को आर्य लोग लौहित अयस कहते थे ।
राज व्यवस्था :
अग्नि को मनुष्य और देवताओं का मध्यस्थ माना जाता था इसीलिए वैदिक काल से हवन की परंपरा चली आ रही है |
उत्तर वैदिक काल में प्रजापति को सर्वमान्य राजा माना गया था, जो की इन्द्र के उत्तराधिकारी थे ।
तथा राजा प्रजापति के राज्याभिषेक के लिए विशाल सूर्य यज्ञ का आयोजन किया गया था ।
व्यापार और अर्थशास्त्र :
वेकनाट सूदखोर उस व्यक्ति को कहा जाता था जो सुदूर देश व्यापार के लिए जाता था |
किसी भी वास्तु या सेवा के आदान प्रदान के लिए वस्तु विनियम की प्रणाली (Bartar System) प्रचलित थी.
निष्क और शतमान उत्तर वैदिक काल में प्रमुख मुद्रा की इकाईयां थी, किसी खास वजन / आकार और मूल्य की मुद्रा का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है
वैदिक दर्शन :
भारत के सभी दर्शनों में सांख्य दर्शन को सबसे प्राचीन माना गया है. सांख्य दर्शन के अनुसार पच्चीस मूल तत्वों में प्रकृति पहला तत्व है ।
भारत का ध्येय वाक्य "सत्यमेव जयते" मुंडकोपनिषद से लिया गया है,मुंडकोपनिषद में ही यज्ञ को टूटी नाव बताया गया है जो मनुष्य को भवसागर से पर करवाती है ।
भारत में दो महाकाव्य हुए है 1.महाभारत और २.रामायण.
महाभारत का पौराणिक नाम जय संहिता, तथा यह विश्व का सबसे वृहद् और विशाल महाकाव्य है.

ऋग्वेद में उद्धृत वेद मन्त्र गायत्री मन्त्र को सविता नामक देवता को समर्पित किया गया है, तथा इसे महामंत्र की संज्ञा भी दी गई है ।
भवन निर्माण कला :
कौशाम्बी नगर भवन निर्माण के बेहतरीन उदाहरणों में से एक था था उत्तर वैदिक काल में ही प्रथम बार पक्की ईटों का निर्माण किया गया था ऐसा उद्धृत है
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