Friday, March 3, 2017

3 मार्च का इतिहास : आज ही के दिन 1839 में भारतीय औद्योगिक क्रांति के जनक जमशेदजी टाटा पैदा हुए थे |

 








जमशेदजी नसरवानजी टाटा !
पूरी दुनिया में शायद ही कोई होगा जो इस नाम से वाकिफ नहीं हो | जमशेत जी टाटा का जन्म 3 मार्च  1839, को गुजरात के नवसारी में हुआ था | उनको भारतीय उद्योग क्रांति का जनक भी कहा जाता है, क्यों की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली प्रथम कंपनी का निर्माण उन्होंने ही किया था । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनको आधुनिक भारत के बड़े संस्थापकों में से एक बताया था। जमशेदजी टाटा ने जो पौधा तत्कालीन बम्बई, जो अब मुंबई है , में साल 1868 में लगाया था, अब वह टाटा समूह नामक बड़े दरख़्त  में बदल गया है, जो एक बहुराष्ट्रीय संगठन हो चुका है, जिस में 100 से अधिक कंपनियां शामिल हैं जो 100 से अधिक देशों में कार्यरत हैं।

साल 2013-14 में इन कंपनियों का कुल कारोबार 103 अरब डालर से अधिक था। अगर एक डॉलर की कीमत 65 रुपये मान ली जाए तो यह राशि 6 लाख 71 हजार करोड़ के पास पहुंचती है। इस कारोबार का 67.2 प्रतिशत भारत के बाहर से आता है। यह समूह दुनिया भर में 581,470 से अधिक लोगों को रोजगार देता है। टाटा संस, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है जो मुंबई में स्थित है। टाटा संस के शेयरों के दो तिहाई शेयर परोपकारी ट्रस्टों के पास हैं। इन ट्रस्टों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा अनुसंधान, सामाजिक अध्ययन और कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व के कई संस्थानों की स्थापना की है।



जमशेदजी नसरवानजी टाटा 03 मार्च 1839 को दक्षिण गुजरात में एक छोटे से शहर नवसारी में नसरवानजी टाटा और जीवनबाई के घर पैदा हुए थे। यह शहर उस समय बड़ौदा रियासत का हिस्सा था। जमशेदजी टाटा के पिता, नसरवानजी टाटा, पारसी पुजारियों के एक परिवार से सम्बंध रखते थे। यह परिवार 25 पीढ़ियों से पुजारियों का काम कर रहा था। लेकिन उन्होंने व्यापार करने का निर्णय किया और वह बम्बई चले गए। उन्होंने एक छोटे व्यापारी के रूप में काम शुरू किया और सफल हुए।

साल 1852 में जब जमशेदजी की आयु केवल 13 साल थी तो उन के पिता ने उन को बम्बई बुला कर एक स्थानीय स्कूल में दाखिल करा दिया। साल 1855 में जब जमशेदजी टाटा की आयु सोलह वर्ष थी तो उन की शादी दस वर्षीय हीराबाई डाबू से कर दी गई जो कुरसेतजी डाबू की बेटी थीं। जमशेदजी 1858 में स्नातक होने के बाद अपने पिता के कारोबार में शामिल हो गए। जमशेदजी टाटा ने अपने पिता के व्यवसाय में 29 साल की आयु तक काम किया और फिर वर्ष 1868 में 21,000 रुपये की पूंजी के साथ एक ट्रेडिंग कंपनी की स्थापना की।

साल 1874 में उन्होंने सैन्ट्रल इण्डिया स्पिनिंग, वीविगं एण्ड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी नाम की एक कंपनी बनाई। यह एक भारतीय द्वारा शुरू की गई पहली कंपनी थी जिस के शेयरों का बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता था। इस कंपनी की पूंजी पांच लाख रुपये थी, जबकि टाटा ने इस में एक लाख पचास हज़ार रुपए का निवेश किया था।

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