Monday, September 18, 2017

वैदिक ज्ञान : यह पाठ नित्य करेंगे तो जल्द प्रसन्न होंगे बजरंग बली

 

हनुमत स्तवन (संस्कृत),Shri Hanumat Stavan,sanskrit,

हनुमत स्तवन (संस्कृत)

प्रनवउँ पवन कुमार खेल बन पावक ज्ञान घन |
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ||
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ||
गोष्पदीकृतवारीशं मशकीकृतराक्षसम् |
रामायणमहामालारत्नं बन्देनिलात्मजम् ||
अंजनानन्दनम् वीरम् जानकीशोकनाशनम् |
कपीशमक्षहन्तारम् बन्दे लङ्काभयंकरम् ||
उल्लङ्घ्य सिन्धोः सलिलं सलीलम् यः शोकवह्निं जनकात्मजायाः |
आदाय तेनैव ददाह लंका नमामि तं प्रांजलिरांजनेयम् ||
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं  |
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ||
आंजनेयमतिपाटलाननं कांचनाद्रिकमनीयविग्रहम्  |
पारिजाततरुमूलवासिनम भावयामि पवमाननन्दनम् ||
यत्र यत्र रगुनाथ कीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जिलाम  |
वाष्पवारिपरिपूर्णलोचनम् मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ||

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