मोदी की किस्मत में लिखा है बहुत से काम पहली बार करना, इजराइल जाने वाला भी भारत का पहला PM मोदी होगा, अनेकों काम नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार किये हैं GST भी लांच करना उसकी किस्मत में ही था इस पर किसी को गर्व ही होना चाहिए ना कि आपत्ति खैर छोड़िये अब आते है असली मुद्दे पर अब आज मोदी ही इजराइल जाने वाले देश के पहले प्रधान मंत्री बने ।
70 साल में कई प्रधान मंत्री हुए हैं, किसी ने उन्हें रोका तो नहीं था । उस देश की यात्रा करने से , जबकि असल मायने में इजराइल ही भारत का मित्र देश है, और पिछले 3 साल में इजराइल भारत को हथियार सप्लाई करने वाला तीसरा बड़ा देश बन गया है । जिससे भारत की सुरक्षा को बेहतर कवच मिला है। ये गर्व की बात है नरेंद्र मोदी के लिए इजराइल के मीडिया ने कहा है अपने देशवासियों को
"जाग जाओ विश्व का सबसे अहम् प्रधान मंत्री आ रहा है।"
इतना ही नहीं इजराइल के प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने 4 से 6 जुलाई की बीच 3 दिनों के लिए अपने सारे प्रोग्राम रद्द कर दिए हैं और घोषणा की है कि वो 3 दिन मोदी जी के साथ ही रहेंगे।
70 साल में कई प्रधान मंत्री हुए हैं, किसी ने उन्हें रोका तो नहीं था । उस देश की यात्रा करने से , जबकि असल मायने में इजराइल ही भारत का मित्र देश है, और पिछले 3 साल में इजराइल भारत को हथियार सप्लाई करने वाला तीसरा बड़ा देश बन गया है । जिससे भारत की सुरक्षा को बेहतर कवच मिला है। ये गर्व की बात है नरेंद्र मोदी के लिए इजराइल के मीडिया ने कहा है अपने देशवासियों को
"जाग जाओ विश्व का सबसे अहम् प्रधान मंत्री आ रहा है।"
इतना ही नहीं इजराइल के प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने 4 से 6 जुलाई की बीच 3 दिनों के लिए अपने सारे प्रोग्राम रद्द कर दिए हैं और घोषणा की है कि वो 3 दिन मोदी जी के साथ ही रहेंगे।
अफ़सोस
है इजराइल जैसे खुद्दार और बहादुर लोगों के मुल्क को हमारे देश ने तवज्जो
नहीं दी -बस केवल एक कारण से कि यहाँ के मुसलमान नाराज़ हो जायेंगे और हमें
वोट नहीं देंगे । जबकि इजराइल चारों तरफ से इस्लामिक मुल्कों से घिरा हुआ
है उनसे कोई मित्रता नहीं है इजराइल की बल्कि शत्रुता ही है । इजराइल ने
उन मुल्कों से नाक रगड़वाई है ।
जून 1967 के युद्ध में सीरिया,मिस्र और जॉर्डन की इजराइल ने कमर तोड़ कर रख दी थी और उसके बाद लेबनॉन की, फिर इन मुल्कों ने इजराइल से पन्गा लेने की कोशिश नहीं की 1967 के 6 दिन के युद्ध के समय इजराइल की आबादी केवल 30 लाख थी जो दिल्ली की उस वक्त की आबादी के बराबर थी ।
मगर साहस ऐसा है यहूदी कौम में की बड़े बड़े से दुश्मन को पानी पिला दे ।
हमें
याद है उस वक्त जब हम संघ की शाखा में जाया करते थे तो वहां इजराइल की
बहादुरी की ही चर्चा हुआ करती थी एक बात ख़ास बताई जाती थी कि इजराइल का
मानना है कि दुनियां भर में यहूदियों से बुरा व्यवहार हुआ उत्पीड़न हुआ
मगर भारत में एक भी उत्पीड़न की घटना नहीं हुयी बल्कि भारत केवल ऐसा देश था
जहाँ यहूदियों को शरण मिली थी और इसलिए इजराइल अपने को भारत का ऋणी समझता है मुझे लगता है मोदी जी के इजराइल जाने से संघ का एक बहुत पुराना सपना पूरा होगा ।
इजराइल ने हमेशा हमारी तरफ दोस्ती का
हाथ बढ़ाया मगर कांग्रेस सरकारों ने अपना वजन फ़लस्तीन के यासर अराफात के हक़
में बढ़ाया जिसने एक समय जा कर कश्मीर में पाकिस्तान का साथ दे दिया, मगर
हम फिर भी इजराइल की तरफ नहीं झुके ।
मैं मोदी जी की सफल इजराइल यात्रा की कामना करता हूँ ।
इस यात्रा को पूरा विश्व देखेगा । अभी तो मोदी ट्रम्प की मुलाकात से पाकिस्तान और चीन परेशान हुए हैं । अभी मोदी नेतन्याहू मुलाकात उनके पेट में मरोड़ पैदा करेगी ।
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