Thursday, September 28, 2017

नवरात्रा का नौवां दिन: माँ सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त होंगी, लौकिक व परलौकिक शक्तियां

 

नवरात्रा का नौवां दिन, माँ सिद्धिदात्री,लौकिक व परलौकिक शक्तियां,9th day of Navratra,Maa siddhidatri pooja,worship,get siddhis power

माँ दुर्गा सर्व सिद्धियों की दाता है और उनका यह नवम रूप "माँ सिद्धिदात्री" देवी के नाम से विख्यात  हैं। नवरात्रा के अंतिम दिन अर्थात नवमी को माँ सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन के साथ ही नवरात्रा के समापन की अंतिम पूजाएं होती है।

माँ सिद्धिदात्रि का अलौकिक स्वरुप
पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि देवी सिद्धिदात्री चतुर्भुजा धारी है, चारों भुजाओं में वे क्रमशः शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण किये हुए हैं। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजित रहती हैं। माँ के  गले में श्वेत पुष्पों की माला तथा मस्तक पर अलौकिक तेज रहता है। माँ का वाहन सिंह है।

समस्त सिद्धियों की दायिनी है माँ सिद्धिदात्री
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माँ सिद्धिदात्री के पास अष्ट सिद्धियाँ यथा  अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां हैं। सिद्धिदात्री की उपासना करने के उपरान्त  ही शिव जी ने सिद्धियों की प्राप्ति की थी। शिव जी को अर्धनारीश्वर रूप इन्हीं माँ सिद्धिदात्री की कृपा से प्राप्त हुआ था। ऐसी मान्यता है कि माँ सिद्धिदात्री की आराधना करने से आलौकिक व परलौकिक शक्तियां प्राप्त होती है।

माँ सिद्धिदात्री का उपासना मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि
नवमी तिथि को माँ दुर्गा को धान का जवारा अर्पित करके ब्राह्मण को दान दे देना चाहिए। इस दिन माँ सिद्धिदात्री को मिष्ठान्न का भोग लगाना चाहिए। माँ सिद्धिदात्री की पूजा पूरे शुद्ध अंतःकरण से करने वाले साधक को समस्त सिद्धियां सहज ही प्राप्त हो जाती है।

No comments:
Write comments