Tuesday, April 18, 2017

वैदिक ज्ञान: मंगलवार के व्रत का वैदिक महत्व और पूजा करने का वैदिक तरीका

 

वैदिक ज्ञान, मंगलवार, व्रत, वैदिक महत्व, पूजा करने का,वैदिक तरीका, Vaidic Knowledge,Tuesday fast,actual way,vaidic method

हिन्दू धर्म में मंगलवार के व्रत का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक व्रत रखने से व्रती सभी तरह के भय और चिंताओं से मुक्त हो जाता है। मंगलवार को भगवान श्री राम के भक्त हनुमान के दिन के रूप में याद किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक मंगल के व्रत से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।  यह व्रत सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को बढ़ाता है।  हालांकि काफी सारे ऐसे लोग हैं जो व्रत तो करते हैं। लेकिन इसे सही तरीके से कैसे करना है। उन्हें ये नहीं पता होता है। व्रत के नियमों का ठीक से पालन न करने से इससे फायदे से ज्यादा नुकसान होता है और ईष्टदेव नाराज़ भी हो सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि हनुमान जी का व्रत करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
महत्त्व:-
 यह व्रत लगातार 21 मंगलवार तक किया जाना चाहिए। पहली बात तो ये कि मंगलवार का व्रत उन्हें करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल गृह निर्बल है और इसका असर उनकी निजी जिंदगी पर देखने को मिल रहा है। ऐसे लोग शुभ फल के लिए इस व्रत को करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल प्रबल है। उन्हें भी व्रत करने की मनाही नहीं है। लेकिन उन्हें इससे सिर्फ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और ईष्टदेव की कृपा बनी रहती है।

पूजा करने का तरीका:-
 मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए। नित्यक्रिया से निपटकर स्नान कर स्वच्छ होना चाहिए। उसके बाद घर की ईशान कोण की दिशा में किसी एकांत स्थान पर हनुमानजी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर दे। लाल वस्त्र इस दिन पहने और व्रत का संकल्प हाथ में पानी ले कर करें । श्रद्धापूर्वक हनुमानजी की प्रतिमा के सामने ज्योति जलायें और हनुमानजी की मूर्ति या चित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर चमेली के तेल के हलके छीटे दे। फिर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। शाम के समय बेसन के लड्डुओं या फिर खीर का भोग हनुमानजी को लगाकर स्वयं नमकरहित भोजन करना चाहिए।

सावधानियां:-

मंगलवार का व्रत करने वालों को इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अपने आचार विचार पूरे दिन शुद्ध रखे और रात्रि में सोने से पहले फिर एक बार हनुमानजी की पूजा करे। हनुमान जी की पूजा करते समय साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की अपवित्रता नहीं होनी चाहिए। जब भी पूजा करें, तब हमें मन से और तन से पवित्र हो जाना चाहिए। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर मन को भटकने न दें।


#वैदिक_भारत



No comments:
Write comments