हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व माना गया है। साथ ही,
पूजा से जुड़े नियमों का पालन भी आवश्यक माना गया है। पूजा में विशेष तरह
के आसन, भोग व धातुओं के बर्तन आदि से जुड़ी भी कुछ खास परंपराएं हैं
विशेषकर बर्तनों से। सोना, चांदी, तांबा इन तीनों धातुओं को पवित्र माना
गया है। तांबा एक ऐसी धातु थी जिसका प्रयोग ज्यादातर पानी पीने के
बर्तन में किया जाता था। अगर तांबे के पात्र में रखा पानी कुछ अशुद्ध है तो
यह कुछ घंटो में पानी के साथ प्रतिक्रिया करके शुद्ध हो जाता है। साथ ही
किटाणु खत्म हो जाते है। इसे किसी धातु से मिलाकर नहीं बनाया जाता हैं।
रात के समय तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखना और सुबह उस
पानी को पीना प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है।
कई लोग पानी के लिए केवल तांबे के ही बर्तन का प्रयोग करते हैं।
तांबे के बर्तन में रखे पानी पीने के लाभ
1.तांबा के बर्तन में रखा जाने वाला पानी रासायनिक प्रतिक्रिया करके जीवाणुनाशक बन जाता है। यह पानी
1.तांबा के बर्तन में रखा जाने वाला पानी रासायनिक प्रतिक्रिया करके जीवाणुनाशक बन जाता है। यह पानी
स्वास्थ्य के अत्यंत लाभकारी होता है। यह
पानी रक्त को शुद्ध करता है, पाचन तंत्र सुदृढ़ करता है।
2.साथ ही तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता
है। यह सभी डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री
और अन्य प्रकार की बीमारियों को
पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता हैं।
3.थायरोक्सिन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी
होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में
तेजी से वजन घटना या बढऩा, अधिक
थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श
वाला पानी शरीर में थायरोक्सिन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि
की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को
पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
सावधानी
जिस तांबे के बर्तन से आप पानी पीते हैं वह बर्तन एक दो दिन में धुलना अवश्य चाहिए। इसका कारण यह है कि तांबा पानी के साथ प्रतिक्रिया करके कॉपर ऑक्साइड बना देता है जोकि जंग जैसा बर्तन की दीवारों पर जम जाता है। इसे साफ करना आवश्यक है अन्यथा यह पानी धातु के लाभदायक फायदे नहीं दे पायेगा।
जिस तांबे के बर्तन से आप पानी पीते हैं वह बर्तन एक दो दिन में धुलना अवश्य चाहिए। इसका कारण यह है कि तांबा पानी के साथ प्रतिक्रिया करके कॉपर ऑक्साइड बना देता है जोकि जंग जैसा बर्तन की दीवारों पर जम जाता है। इसे साफ करना आवश्यक है अन्यथा यह पानी धातु के लाभदायक फायदे नहीं दे पायेगा।
इस तरह करे साफ़
तांबे के बर्तन साफ करने का आसान उपाय है नींबू अथवा खटाई, केचप या फिर नमक और सफ़ेद सिरका से रगड़ कर साफ करना चाहिए।
तांबे के बर्तन साफ करने का आसान उपाय है नींबू अथवा खटाई, केचप या फिर नमक और सफ़ेद सिरका से रगड़ कर साफ करना चाहिए।
आजकल तांबे के बने बर्तनों के उपयोग के नाम पर बस तांबे के
छोटे से लोटे दिखते है जिसे घर-मंदिर में पूजा पाठ और सूर्य को अर्घ्य देने
में प्रयोग किया जाता है। एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने पूर्वजो
की परम्परा का पालन करे / न करे पर कम से कम इतने फायदे जानकर ही सही
तांबे के बरतनों का प्रयोग करे।
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