बड़ी बात

चर्चा में

Saturday, September 1, 2018

क्रांतिकारी मुनि श्री श्री तरुण सागर जी महाराज साहब के देवलोक गमन पर हार्दिक श्रृद्धांजलि


Friday, August 31, 2018

आयकर रिटर्न भरने का अंतिम दिन आज : क्या हो सकता है यदि आज चूके तो ?



वित्तीय वर्ष २०१७-२०१८ की अवधि के लिए आयकर विवरणिका भरकर सत्यापित करने की अवधि आज समाप्त हो जाएगी, जैसा की पूर्वविदित है पहले यह तिथि ३१ जुलाई २०१८ थी जिसे आयकर विभाग द्वारा अंतिम समय में बढ़ाकर ३१ अगस्त २०१८ कर दिया गया था। ऐसा प्रथम अवसर होगा जब विलम्ब से आयकर विवरणिका भरने वालों पर भारी भरकम अर्थदंड का प्रावधान किया गया है, जो ५००० से १०००० रुपये तक हो सकता है।

क्या करें यदि चूक गए मौका ?
यदि आप ३१ अगस्त तक आयकर रिटर्न नहीं भर पाते तो घबराएं नहीं, आपको ५००० रुपये का अर्थदंड लगेगा और अगले मौके के रूप में आपको ३१ दिसंबर २०१८ से पहले "विलम्ब आयकर रिटर्न" ("Belated ITR") भरना पड़ेगा। यदि ३१ दिसंबर २०१८ की समय सीमा भी चूक गए तो फिर आपको १०००० रुपये भरने पड़ सकते है।
  

Friday, August 17, 2018

LIVE UPDATE : भारत रत्न "अटल" जी की अंतिम यात्रा के दर्शन लाइव पल पल की अपडेट


Thursday, August 16, 2018

ओझल हो गया भारतीय राजनीती का सूरज : नहीं रहे अटल जी



पिछले २ माह से भारत के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मृत्यु से रार कर रहे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आज सांय ५:०५ पर जीवन की अंतिम सांस ली।

अटल जी जैसा व्यक्तित्व सदियों में एक बार अवतरित होता है, वे इतने प्रभावी व्यक्तित्व के धनी थे की विपक्ष को भी उनकी किसी भी बात का प्रत्युत्तर देने के लिए १० बार सोचना पड़ता है।  सबके चाहते माननीय अटल जी हमारे देखते देखते इस भौतिक लोक को छोड़कर स्वर्गलोक को प्राप्त हो गए।
वैदिक भारत परिवार इस महापुरुष को कोटि कोटि नमन करता है।  

Saturday, June 16, 2018

महाराणा प्रताप जयंती: स्वाभिमानी राष्ट्रनायक थे महाराणा प्रताप

जयपुर। महाराणा  प्रताप, ये एक ऐसा नाम है जिसके लेने भर से मुगल सेना के पसीने छूट जाते थे। एक ऐसा राजा जो कभी किसी के आगे नही झुका। जिसकी वीरता की कहानी सदियों के बाद भी लोगों की जुबान पर हैं। वो तो हमारी एकता में कमी रह गई वरना जितने किलों का अकबर था उतना वजन तो प्रताप के भाले का था। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। 

महाराणा प्रताप का जन्म- 9 मई, 1540 ई. कुम्भलगढ़ में हुआ। महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए अमर है। वे उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर 'मेवाड़-मुकुट मणि' राणा प्रताप का जन्म हुआ। वे अकेले ऐसे वीर थे, जिसने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं की। वे हिन्दू कुल के गौरव को सुरक्षित रखने में सदा तल्लीन रहे। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।

प्रताप का घोड़ा, चेतक हवा से बातें करता था। उसने हाथी के सिर पर पैर रख दिया था और घायल प्रताप को लेकर 26 फीट लंबे नाले के ऊपर से कूद गया था।  

प्रताप का सेनापति सिर कटने के बाद भी कुछ देर तक लड़ता रहा था।

प्रताप ने मायरा की गुफा में घास की रोटी खाकर दिन गुजारे थे।

नेपाल का राज परिवार भी चित्तौड़ से निकला है दोनों में भाई और खून का रिश्ता हैं।

प्रताप के घोड़े चेतक के सिर पर हाथी का मुखौटा लगाया जाता था. ताकि दूसरी सेना के हाथी Confuse रहें।

प्रताप निहत्थे दुश्मन के लिए भी एक तलवार रखते थे।

अकबर ने एक बार कहा था की अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते।




आज हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहां की जमीनो में तलवारे पायी जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।

30 सालों तक प्रयास के बाद भी अकबर, प्रताप को बंदी न बना सका। प्रताप की मौत की खबर सुनकर अकबर भी रो पड़ा था।

महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। इनका नाम प्रताप  और इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह  था।

प्रताप का वजन 110 किलो और हाईट 7 फीट 5 इंच थी।

प्रताप का भाला 81 किलो का और छाती का कवच का 72 किलो था। उनका भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन कुल मिलाकर 208 किलो था।

प्रताप ने राजनैतिक कारणों की वजह से 11 शादियां की थी। 

महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के Museum में सुरक्षित हैं।

अकबर ने राणा प्रताप को कहा था की अगर तुम हमारे आगे झुकते हो तो आधा भारत आप का रहेगा, लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा मर जाऊँगा लेकिन मुगलों के आगे सर नही नीचा करूंगा।

Sunday, June 10, 2018

इस मेजर ने दिया था चीनी फौज को चकमा, मार दिए थे सैकड़ों सैनिक







मेजर धन सिंह थापा का जन्म 10 अप्रैल, 1928 को शिमला में हुआ था। 28 अक्तूबर 1949 को वह एक कमीशंड अधिकारी के रूप में फौज में आए थे। 

धन सिंह थापा भले ही चीन की बर्बर सेना का सामना करने के बाद भी जीवित रहे, लेकिन युद्ध के बाद चीन के पास बन्दी के रूप में जो यातना उन्होंने झेली, उसकी स्मृति भर भी थरथरा देने वाली है। धन सिंह थापा इस युद्ध में पान गौंग त्सो झील के तट पर सिरी जाप मोर्चे पर तैनात थे। जहाँ उनके पराक्रम ने उन्हें परमवीर चक्र के सम्मान का अधिकारी बनाया।


कई दिनों पहाडियों में भटकते रहने के बाद थापा भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रविष्ट हुए और भारतीय सैनिक चौकी तक पहुंचे , घायल अवस्था में होने के बावजूद बुलंद हौंसले ने अन्य भारतीय जवानो में भी नव उत्साह का संचार कर दिया । अपने दुश्मनों से वीरता से लड़ने के कारण भारतीय सरकार ने सेना का सर्वोच्च सम्मान “परमवीर चक्र “ देकर धन सिंह थापा को सम्मानित किया . इस घटना के बाद भी धन सिंह थापा ने भारतीय सेना को अपनी सेवाए दी और सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए। 6 सितम्बर 2005 को इस वीर गोरखा सपूत ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 


Monday, May 28, 2018

पंचांग : सोमवार, 28 मई, 2018




पंचांग : सोमवार, 28 मई, 2018
तिथि – चतुर्दशी – 18:42:52 तक
नक्षत्र – विशाखा – 23:04:21 तक
करण – गर – 06:18:10 तक, वणिज – 18:42:52 तक
पक्ष – शुक्ल
योग – परिघ – 17:17:49 तक
वार – सोमवार

28 मई 2018 का सूर्योदय और चंद्रोदय का समय 
सूर्योदय – 05:24:49
सूर्यास्त – 19:12:06
चंद्रोदय – 18:03:59
चंद्रास्त – 29:17:00
28 मई 2018 का अशुभ समय 
दुष्टमुहूर्त – 12:46:02 से 13:41:11 तक, 15:31:29 से 16:26:38 तक
कुलिक – 15:31:29 से 16:26:38 तक
कंटक – 08:10:16 से 09:05:25 तक
राहु काल – 07:08:13 से 08:51:38 तक
कालवेला / अर्द्धयाम – 10:00:34 से 10:55:43 तक
यमघण्ट – 11:50:52 से 12:46:02 तक
यमगण्ड – 10:35:02 से 12:18:27 तक
गुलिक काल – 14:01:52 से 15:45:16 तक
28 मई 2018 का शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
आज का शुभ मुहूर्त समय – 11:50:52 से 12:46:02 तक

Sunday, May 27, 2018

वैदिक पंचांग: रविवार, 27 मई, 2018 पंचांग व शुभ मुहूर्त




पंचांग : रविवार, 27 मई, 2018
तिथि – त्रयोदशी – 17:59:55 तक
नक्षत्र – स्वाति – 21:38:04 तक
करण – कौलव – 05:47:59 तक, तैतिल – 17:59:55 तक
पक्ष – शुक्ल
योग – वरियान – 17:43:52 तक
वार – रविवार

27 मई 2018 का सूर्योदय और चंद्रोदय का समय 
सूर्योदय – 05:25:08
सूर्यास्त – 19:11:33
चंद्रोदय – 17:07:59
चंद्रास्त – 28:37:59

27 मई 2018 का अशुभ समय 
दुष्टमुहूर्त – 17:21:21 से 18:16:27 तक
कुलिक – 17:21:21 से 18:16:27 तक
कंटक – 10:00:36 से 10:55:42 तक
राहु काल – 17:28:14 से 19:11:32 तक
कालवेला / अर्द्धयाम – 11:50:47 से 12:45:53 तक
यमघण्ट – 13:40:59 से 14:36:04 तक
यमगण्ड – 12:18:20 से 14:01:38 तक
गुलिक काल – 15:44:56 से 17:28:14 तक

27 मई 2018 का शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
आज का शुभ मुहूर्त समय – 11:50:47 से 12:45:53 तक

Tuesday, April 3, 2018

राष्ट्रगान पर राजनीति: इसे राष्ट्र के नागरिकों का बौद्धिक पतन भी कह सकते है।

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भारत को जब स्वतंत्रता प्राप्ति हुई उसी समय से कई चीजों को राष्ट्र द्वारा चिन्हित कर दिया गया था। ऐसी ही एक चीज है जो राष्ट्र के सम्मान के प्रतीक के रुप मे पहचानी जाती है, वह है "जन गण मन" जिसे भारत के राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है। रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित यह राष्ट्रगान बंगाली भाषा मे लिखा गया है जिसका बाद में हिंदी अनुवाद हुआ और उसे भारत के राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया। लेकिन आज यह 52 सेकंड का राष्ट्रगान पूरे देश में राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। यद्यपि राष्ट्रगान का चर्चा में बने रहना अच्छी बात है । किन्तु यदि यही चर्चा विवादों के कारण हो रही हो तो हम इसे राष्ट्र के नागरिकों का बौद्धिक पतन भी कह सकते है।

इसको एक सन्दर्भ से समझने की कोशिश करे तो कुछ दिनों पहले एक फ़िल्म 'दंगल' रिलीज हुई थी। उस फिल्म के एक सीन में राष्ट्रगान फिल्माया गया था । तो वहां सिनेमाघर में जितने भी लोग फ़िल्म देख रहे थे वह उठ खड़े हो गए। फिर जब सुप्रीम कोर्ट का इस पर आदेश सुना तो वह यह था कि फिल्मों के बीच मे अगर राष्ट्रगान फिल्माया जाता है तो आपका राष्ट्रगान के लिए खड़े होना अनिवार्य नही है । लेकिन अगर फ़िल्म शुरू करने से पहले राष्ट्रगान सिनेमाघर में बजता है तो आपका खड़े होना अनिवार्य है।

अब कुछ लोगो ने इस मुद्दे को यहां खत्म ही नही होने दिया और इसे पूरी तरह से राजनितिक रंग दे दिया । कुछ लोगो का राष्ट्रगान को लेकर कहना था कि राष्ट्रगान के लिए लोगों को खड़े होने पर सरकार बाध्य नही कर सकती। तो एक तरीके से अगर लोगो के इस तर्क पर भी विचार करे तो एक बात मन में उठती है कि राष्ट्रगान के लिए शायद वही व्यक्ति उठ न पाए जो निःशक्त है या जो असमर्थ है किसी कारणवश खड़े होने में। किन्तु निःशक्त लोगो के मन मे भी राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना अवश्य रहती है। लेकिन वही ऐसे लोग अगर इस प्रकार का तर्क दे जो सभी प्रकार से सक्षम है राष्ट्रहित में योगदान करने के लिए, फिर भी उससे बचना चाहते है तो यह तो पूरी तरह से अनुचित है । ऐसे व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है लेकिन मानसिक रूप से इतने अस्वस्थ हो चुके है कि यह 52 सेकंड के राष्ट्रगान को समय नही दे सकते। ऐसे लोग चाहे जितना भी समय अपने जीवन मे व्यर्थ गंवा दे। लेकिन 52 सेकंड का समय राष्ट्रहित में नही दे सकते।

तो ऐसे लोग से तो दिव्यांग लोग ही बेहतर है कम से कम उनके पास जो भी है उसे राष्ट्रहित में देने का प्रयास तब भी करते है। अभी हाल ही में अभिनेत्री विद्या बालन ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगो पर राष्ट्रगान थोपा नही जा सकता, उन्हें बाध्य नही किया जा सकता। देश के लिए ऐसा बयान क्या उचित है ? भले ही उनके लिए ये उचित हो पर अगर कोई फ़िल्म जो भारत मे रिलीज होने वाली हो जैसे उदाहरण के तौर पर पद्मावती फ़िल्म को ही ले ले। वह फ़िल्म इतिहास के पन्नो से जुड़ी थी और इस कारण लोगो ने उसका बहिस्कार किया क्योंकि यह फ़िल्म लोगो के हित को ठेस पहुंचा रही थी। और इसलिए लोगो ने उसके लिए आक्रोशित कदम उठाते हुए उसका बहिस्कार करना शुरू कर दिया।

जहां लोगो के मन मे एक फ़िल्म को लेकर इतना आक्रोश आ जाता है वही एक राष्ट्रगान को लेकर इस प्रकार के तर्क । यह तो उचित साबित नही होते। लोगो का राष्ट्रगान के लिए खड़े होना यह साबित नही करता है कि सरकार उन पर थोप रही है। या सरकार उन्हें बाध्य कर रही है। यह सिर्फ इस बात की तरफ संकेत करता है कि लोगो के मन मे राष्ट्रगान किसी न किसी तरीके से जिंदा होता रहे। इस राष्ट्रगान में भारत का इतिहास सिमटा हुआ है मात्र 5 पदों का यह गान जब भी कोई व्यक्ति सम्मानपूर्वक सुनता है या गाता है तो यही 52 सेकंड का राष्ट्रगान कही न कही व्यक्ति के मानसिक स्तर पर प्रभाव डालता है। और कहीं न कहीं 1 प्रतिशत ही सही लोगो मे राष्ट्रीयता की भावना उतपन्न कर ही जाता है। तो ऐसे राष्ट्रगान का अनादर कोई कैसे कर सकता है? जो लोग यह कहते हुए फिरते है कि राष्ट्रगान को किसी पर थोप नही सकते, उन लोगो की सोच पर सबसे ज्यादा दुख का अनुभव होता है। लोगो को इस सोच से ऊपर आना चाहिए।

प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 की धारा 3 के मुताबिक अगर कोई राष्ट्रगान में बाधा उत्पन्न करता है, अथवा किसी को राष्ट्रगान गाने से रोकने का प्रयास करता है तो उसे अधिकतम 3 वर्ष कैद की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते है। हालांकि इसमें इस बात का जिक्र नही की किसी भी व्यक्ति को इसे गाने के लिए बाध्य किया जाए, किन्तु भारतीयों से यह उम्मीद की जाती है कि वह राष्ट्रगान के समय सावधान की मुद्रा में खड़े रहे । और खड़े रहना या न रहना भी लोगो की स्वयं की इच्छा है लेकिन इतनी नैतिकता तो सभी के मन मे होनी चाहिए कि हम अपने राष्ट्रगान को सम्मान दे सके। राष्ट्रगान देशहित व देशप्रेम से परिपूर्ण वह कृति है वह संगीत रचना है जो उस देश के इतिहास की गाथा, वहां की सभ्यता, संस्कृति, तथा लोगो के संघर्षमय जीवन का बखान करता है।
श्याम नारायण चौकसे एक ऐसे व्यक्ति जिनकी बात यहाँ करना बहुत आवश्यक है चौकसे जो मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी है और करीब 13 साल पहले मध्यप्रदेश हाइकोर्ट में इन्होंने एक याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजने के दौरान सभी व्यक्तियों का खड़ा होना अनिवार्य किया जाए। और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला चौकसे जी के पक्ष में सुनाया।

यह चौकसे जी का तत्काल कदम उठाने का परिणाम था।इसके पीछे उनकी कई सालों का अथक परिश्रम था वह भी राष्ट्रगान के लिए। अब लोगो को यह अवश्य सोचना चाहिए कि जब एक व्यक्ति अपनी जिंदगी के 13 वर्ष उस राष्ट्रगान को दे सकता है तो फिर हम 52 सेकंड नही दे सकते। एक और व्यक्ति का उदाहरण ले ले जो कि एक लघु फिल्मकार है जिनका नाम है उल्हास पीआर। इनका राष्ट्रगान के प्रति इतना सम्मान था कि इन्होंने अमिताभ बच्चन को भी नही बक्शा। अमिताभ जी ने एक बार भारत पाकिस्तान के टी 20 विश्वकप के दौरान 52 सेकंड का राष्ट्रगान 1 मिनट 10 सेकंड में गाया था।जिसके चलते उल्हास जी ने बच्चन जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी थी।

इन सभी घटनाओं का जिक्र यहां करना इसलिए भी जरूरी है कि भारत मे कुछ लोग जहां राष्ट्रगान के प्रति इतना सम्मान रखते है वही कुछ लोग इसके सम्मान में खड़ा होना भी नही चाहते।
अपने अंदर की उस आवाज से पूछिए जो कहीं न कहीं देशहित के प्रति आपको जरूर बाध्य कर रही है । आप इस देशभक्ति की आवाज को सुने । तभी आप भारत से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीज में भी देशभक्ति का भाव देख पाएंगे।


साभार : राष्ट्रवादी बहन ज्योति मिश्रा

Wednesday, November 8, 2017

वैदिक पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी, विक्रम सम्वत २०७४, बुधवार, ०८ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त

पंचांग व शुभ मुहूर्त, 08 नवम्बर 2017, Daily Hindi Panchang, 8-November-2017, Shubh-Muhurt,auspicious time,choghadiya
बुधवार, ०८ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त, भारतीय समयानुसार।
सूर्योदय: ०६:४१, सूर्यास्त: १७:३९, चन्द्रोदय: २१:४९, चन्द्रास्त: ०९:४४, सूर्य राशि: तुला, चन्द्र राशि: मिथुन, सूर्य नक्षत्र: विशाखा, वैदिक अयन: दक्षिणायण, वैदिक ऋतु: शरद।

हिंदी ,दिनांक,तिथि और वर्ष
युगाब्द: ५११९, शक सम्वत: १९३९, हेमलम्बी, विक्रम सम्वत: २०७४ साधारण, गुजराती सम्वत:२०७३ , मास: मार्गशीर्ष, पक्ष: कृष्ण, तिथि: पञ्चमी - १९:०३ तक।

नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र: आर्द्रा - १५:२२ तक, योग: सिद्ध - १२:१० तक, प्रथम करण: कौलव - ०८:२४ तक, द्वितीय करण: तैतिल - १९:०३ तक।

शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं, अमृत काल: कोई नहीं,  आनन्दादि योग: मुसल - १५:२२ तक, तमिल योग: मरण - १५:२२ तक।

अशुभ समय
दूमुहूर्त: ११:४८ - १२:३२ तक, वर्ज्य: २६:३०+ - २८:००+ तक, राहुकाल : १२:१० - १३:३१ तक, गुलिक काल: १०:४९ - १२:१० तक, यमगण्ड: ०८:०६ - ०९:२७ तक।

दिशा शूल:
उत्तर में

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Tuesday, November 7, 2017

नोटबंदी की प्रथम वर्षगांठ : Demonetization कुछ इस तरह छा रहा है सोशल मीडिया में !

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8 नवम्बर का दिन तो याद होगा ही आपको, जी हाँ 8 नवम्बर 2016 ! यह वही दिन है जब भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक फेरबदल हुआ और एक ही झटके में बड़ी मुद्राएं अर्थात 1000 और 500 के करेंसी नोट भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलन से बंद करवा दिए गए, इसे हम सामान्य भाषा में विमुद्रीकरण अथवा डिमॉनेटाइज़शन भी कहते है। 8 नवम्बर 2017 को विमुद्रीकरण की पहली बरसी है, इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसे एक यादगार दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया है आइये देखते है कैसे मना रहे है लोग इस दिन को सोशल मीडिया पर ?
कुछ लोग 2000 के नए नोट को प्रथम जन्म दिवस की बधाई दे रहे है।
Copyright Holder


वहीँ कुछ लोग 1000 और 500 के पुराने नोटों को प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट कर रहे है।


वही सरकार ने इस दिवस को कला धन निषेध दिवस के रूप में मनाने का आह्वान पूरे देश की जनता से किया है।


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वैदिक पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी, विक्रम सम्वत २०७४, मंगलवार, ०७ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त

पंचांग व शुभ मुहूर्त,07 नवम्बर 2017, Daily Hindi Panchang, 07-November-2017, Shubh-Muhurt,auspicious time,choghadiya
मंगलवार, ०७ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त, भारतीय समयानुसार। 
सूर्योदय: ०६:४०, सूर्यास्त: १७:४०, चन्द्रोदय: २०:४८, चन्द्रास्त: ०९:४४, सूर्य राशि: तुला, चन्द्र राशि: मिथुन, सूर्य नक्षत्र: विशाखा, वैदिक अयन: दक्षिणायण, वैदिक ऋतु: शरद।

हिंदी ,दिनांक,तिथि और वर्ष
युगाब्द: ५११९, शक सम्वत: १९३९, हेमलम्बी, विक्रम सम्वत: २०७४ साधारण, गुजराती सम्वत:२०७३ , मास: मार्गशीर्ष, पक्ष: कृष्ण, तिथि: प्रतिपदा - ०७:३९ तक, क्षय तिथि: चतुर्थी - २१:५१ तक।

नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र: मॄगशिरा - १७:३० तक, योग: शिव - १५:४४ तक, प्रथम करण: बव - ११:२३ तक, द्वितीय करण: बालव - २१:५१ तक।

शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: ११:४८ - १२:३२ तक, अमृत काल: ०९:३५ - ११:०२ तक,  आनन्दादि योग: राक्षस - १७:३० तक, तमिल योग: मरण - १७:३० तक।

अशुभ समय
दूमुहूर्त: ०८:५४ - ०९:३८ तक, वर्ज्य: २५:०९+ - २६:३७+ तक, राहुकाल : १४:५३ - १६:१४ तक, गुलिक काल: १२:१० - १३:३१ तक, यमगण्ड: ०९:२७ - १०:४८ तक।

दिशा शूल:
उत्तर में

दैनिक उपवास और त्यौहार
संकष्टी चतुर्थी

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Monday, November 6, 2017

वैदिक पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया, विक्रम सम्वत २०७४, सोमवार, ०६ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त

 
पंचांग व शुभ मुहूर्त,०6 नवम्बर 2017, Daily Hindi Panchang, 06-November-2017, Shubh-Muhurt,auspicious time,choghadiya

सोमवार, ०६ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त, भारतीय समयानुसार 

सूर्योदय: ०६:३९, सूर्यास्त: १७:४१, चन्द्रोदय: १९:५०, चन्द्रास्त: ०८:३९, सूर्य राशि: तुला, चन्द्र राशि: वृषभ, सूर्य नक्षत्र: स्वाती, वैदिक अयन: दक्षिणायण, वैदिक ऋतु: शरद।

हिंदी ,दिनांक,तिथि और वर्ष
युगाब्द: ५११९, शक सम्वत: १९३९, हेमलम्बी, विक्रम सम्वत: २०७४ साधारण, गुजराती सम्वत:२०७३ , मास: मार्गशीर्ष, पक्ष: कृष्ण, तिथि: प्रतिपदा - ०७:३९ तक, क्षय तिथि: तृतीया - २४:५८+ तक।

नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र: रोहिणी - १९:५६ तक, योग: परिघ - १९:३३ तक, प्रथम करण: वणिज - १४:३७ तक, द्वितीय करण: विष्टि - २४:५८+ तक। 

शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: ११:४८ - १२:३२ तक, अमृत काल: १७:०५ - १८:३० तक,  आनन्दादि योग: वर्धमान - १९:५६ तक, तमिल योग: सिद्ध - १९:५६ तक।

अशुभ समय
दूमुहूर्त: १२:३२ - १३:१५ तक, वर्ज्य: १२:४८ - १४:१३ तक, राहुकाल : ०८:०५ - ०९:२७ तक, गुलिक काल: १३:३१ - १४:५३ तक, यमगण्ड: १०:४८ - १२:१० तक।

दिशा शूल:
पूर्व में

दैनिक उपवास और त्यौहार
रोहिणी व्रत

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Sunday, November 5, 2017

वैदिक पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा, विक्रम सम्वत २०७४, रविवार, ०५ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त

 
पंचांग व शुभ मुहूर्त,०४ नवम्बर 2017, Daily Hindi Panchang, 04-November-2017, Shubh-Muhurt,auspicious time,choghadiya
रविवार, ०५ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त, भारतीय समयानुसार
सूर्योदय: ०६:३९, सूर्यास्त: १७:४१, चन्द्रोदय: १८:५७, चन्द्रास्त: ०७:३२, सूर्य राशि: तुला, चन्द्र राशि: वृषभ, सूर्य नक्षत्र: स्वाती, वैदिक अयन: दक्षिणायण, वैदिक ऋतु: शरद।

हिंदी ,दिनांक,तिथि और वर्ष
युगाब्द: ५११९, शक सम्वत: १९३९, हेमलम्बी, विक्रम सम्वत: २०७४ साधारण, गुजराती सम्वत:२०७३ , मास: मार्गशीर्ष, पक्ष: कृष्ण, तिथि: प्रतिपदा - ०७:३९ तक, क्षय तिथि: द्वितीया - २८:१८+ तक।

नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र: कृत्तिका - २२:३१ तक, योग: वरीयान् - २३:२९ तक, प्रथम करण: कौलव - ०७:३९ तक, द्वितीय करण: तैतिल - १७:५९ तक।

शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: ११:४८ - १२:३२ तक, अमृत काल: २०:२३ - २१:४९ तक,  आनन्दादि योग: धुम्र - २२:३१ तक, तमिल योग: मरण - २२:३१ तक।

अशुभ समय
दूमुहूर्त: १६:१० - १६:५३ तक, वर्ज्य: ११:४९ - १३:१४ तक, राहुकाल : १६:१५ - १७:३७ तक, गुलिक काल: १४:५३ - १६:१५ तक, यमगण्ड: १२:१० - १३:३२ तक।

दिशा शूल:
पश्चिम में

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Saturday, November 4, 2017

वैदिक पंचांग: कार्तिक पूर्णिमा, विक्रम सम्वत २०७४, शनिवार, ०४ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त

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शनिवार, ०४ नवम्बर, २०१७ का पंचांग व शुभ मुहूर्त, भारतीय समयानुसार
सूर्योदय: ०६:३८, सूर्यास्त: १७:४१, चन्द्रोदय: १८:०८, चन्द्रास्त: चन्द्रास्त नहीं, सूर्य राशि: तुला, चन्द्र राशि: मेष, सूर्य नक्षत्र: स्वाती, वैदिक अयन: दक्षिणायण, वैदिक ऋतु: शरद।

हिंदी ,दिनांक,तिथि और वर्ष

युगाब्द: ५११९, शक सम्वत: १९३९, हेमलम्बी, विक्रम सम्वत: २०७४ साधारण, गुजराती सम्वत:२०७३ , मास: कार्तिक, पक्ष: शुक्ल, तिथि: पूर्णिमा - १०:५२ तक।

नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र: भरणी - २५:०६+ तक, योग: सिद्धि - ०७:१२ तक, प्रथम करण: बव - १०:५२ तक, द्वितीय करण: बालव - २१:१७ तक।

शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: ११:४८ - १२:३२ तक, अमृत काल: २०:४७ - २२:१३ तक,  आनन्दादि योग: ध्वांक्ष - २५:०६+ तक, तमिल योग: मरण - २५:०६+ तक।

अशुभ समय
दूमुहूर्त: ०६:४२ - ०७:२६ तक, वर्ज्य: १२:०८ - १३:३४ तक, राहुकाल : ०९:२६ - १०:४८ तक, गुलिक काल: ०६:४२ - ०८:०४ तक, यमगण्ड: १३:३२ - १४:५४ तक। 

दिशा शूल:
पूर्व में

दैनिक उपवास और त्यौहार
कार्तिक पूर्णिमा
पुष्कर स्नान
पूर्णिमा उपवास
गुरु नानक जयन्ती
भीष्म पञ्चक समाप्त
अष्टाह्निका विधान पूर्ण

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